Haldighati ro samar ladyo Lyrics in Hindi
Haldighati ro samar ladyo Lyrics in Hindi

हल्दीघाटी रो समर लड्यो, वो चेतक रो असवार कठै” – ये सिर्फ एक पंक्ति नहीं, बल्कि मेवाड़ की गौरवगाथा का उद्घोष है। यह राजस्थानी भाषा में लिखा एक प्रेरणादायक गीत है जो महाराणा प्रताप की वीरता, चेतक की निष्ठा और मातृभूमि के प्रति अटूट समर्पण को श्रद्धांजलि देता है। यह गीत न केवल इतिहास के पन्नों को जीवंत करता है, बल्कि आज के युवाओं को भी राष्ट्रप्रेम और त्याग की भावना से ओतप्रोत करता है।

Haldighati Ro Samar Ladyo Lyrics in Hindi

हल्दीघाटी रो समर लड्यो, वो चेतक रो असवार कठै
मायड़ थारो पूत कठै, वो एकलिंग को दीवान कठै
वो महाराणा प्रताप कठै |हल्दीघाटी रो समर लड्यो, वो चेतक रो असवार कठै
मायड़ थारो पूत कठै |

हल्दीघाटी रे टीला सूँ, शिव पारबती देख रहया
मेवाड़ी वीरां री ताकत, अपनी निजरां में तोल रहया
बोल्या शिवजी सुण पारबती, मेवाड़ भोम री बलिहारी
जो आछया करम करे जग में, वो अठै जनम ले नर-नारी
में स्वयं ही एकलिंग रूप धर्यो, सदियाँ सूँ बैठ्यो भलो अठै
मायड़ थारो पूत कठै, वो एकलिंग को दीवान कठै
वो महाराणा प्रताप कठै |

मैं बाँच्यो हूँ इतिहास में, मायड़ थे एह्ड़ा पूत जण्या
थन पान लजायों नी थारो, रणवीरां रा सिरमोर बण्या
सुरग सुखा रो त्याग करे, मगरा माही यो वास करें
हिन्दवां सूरज मेवाड़ रतन, रण बांकुरी हुंकार कठै
मायड़ थारो पूत कठै, वो एकलिंग को दीवान कठै
वो महाराणा प्रताप कठै |

आज देस री सीमा पर, संकट रा बादळ मंडराया
ये पाकिस्तानी घुसपैठ्या, भारत सीमा मैं घुस आया
बैरया सूँ रण मैं पाछे ना, बाने वो सबक सिखा दीज्यो
थे हो प्रताप रा ही वंशज, वाने या बात बता दीज्यो
यो काश्मीर भारत रो है, कुण आँख दिखावै आन अठै
मायड़ थारो पूत कठै, वो एकलिंग को दीवान कठै
वो महाराणा प्रताप कठै |

गीत का सारांश और विश्लेषण

गीत की शुरुआत होती है हल्दीघाटी के युद्ध का उल्लेख करते हुए – वो ऐतिहासिक समर जहाँ महाराणा प्रताप ने मुगलों की विशाल सेना से टक्कर ली। उनके घोड़े चेतक की निष्ठा और बलिदान की गाथा को गीत में भावनात्मक रूप से दर्शाया गया है।

मायड़ थारो पूत कठै, वो एकलिंग को दीवान कठै” – यह पंक्ति महाराणा प्रताप को एकलिंगजी का भक्त और मातृभूमि का सच्चा पुत्र बताती है।

गीत में एक काल्पनिक दृश्य जोड़ा गया है जहाँ भगवान शिव और पार्वती मेवाड़ के वीरों की ताकत को देख रहे हैं और शिवजी कहते हैं कि जिसने ऐसे कर्म किए हों, वो मनुष्य बनकर मेवाड़ में ही जन्म लेते हैं।

आगे चलकर गीत में भारत-पाक सीमा की स्थिति का ज़िक्र है। यह वर्तमान समय की समस्या को इतिहास से जोड़ता है और श्रोताओं से आव्हान करता है कि महाराणा प्रताप के वंशजों की तरह आज भी दुश्मनों को सबक सिखाने की जरूरत है।

निष्कर्ष

यह गीत इतिहास, संस्कृति और राष्ट्रभक्ति का ऐसा मिश्रण है जो दिल को छू जाता है। हल्दीघाटी का युद्ध और महाराणा प्रताप का संघर्ष केवल इतिहास नहीं, एक आदर्श है। हल्दीघाटी में समर लड्यो” गीत हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की चिंगारी जलाता है और याद दिलाता है कि हम उस वीरभूमि की संतान हैं जहाँ चेतक जैसे घोड़े और प्रताप जैसे योद्धा जन्म लेते हैं।

You may also like to read this: Haldighati me Samar Ladyo Lyrics

SHARE

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here